सात माह बीत जाने के बाद भी अखबारों में टेंडर के प्रकाशन का भुगतान में टालमटोल।
महराजगंज ।लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम पंचायतों मे अनेकों समानों की खरीदारी आर.सी.सी. इंटरलॉकिंग सड़क, नाली, मनरेगा, सामुदायिक शौचालय, केयर टेकर का भुगतान, फॉगिंग, दवा छिड़काव, पंचायत सहायक व ग्राम प्रधान वेतन सहित आदि सभी के भुगतान में प्रकाशित टेंडर की छायाप्रति लगाकर होता है। परंतु प्रकाशित टेंडर के सात माह गुजर जाने के बाद भी अखबारों का टेंडर भुगतान करना सचिव मुनासिब नही समझ रहे हैं। ग्राम पंचायतों में अप्रैल माह में टेंडर प्रकाशित होता है उसी टेंडर पर पुरे वर्ष ग्राम पंचायत के सभी विकास कार्यों का भुगतान ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा अपने चहेते मैटेरियल देने वाले फर्म को किया जाता है। परंतु लक्ष्मीपुर ब्लाक में बीते अप्रैल माह में प्रकाशित अखबारों के टेंडरों का भुगतान करने में ग्राम पंचायत सचिव हीलाहवाली करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आपको बताते चलें कि अप्रैल माह में प्रकाशित टेंडर का भुगतान करने में सचिव प्रमोद सोनी हर रोज नया-नया बहाना बनाकर टालमटोल करते रहते हैं। और तमाम तरह की बहाने बाजी करते रहते हैं। जैसे समय नहीं मिल पाने का हवाला, विभागीय कार्य का हवाला, मिटिग होने का बहाना, व्यस्त रहने का हवाला आजकल में पेमेंट करने का झूठा आश्वासन देने के साथ साथ तमाम तरह की बहाने बाजी करते रहते हैं। वही ग्राम पंचायतों में मैटेरियल देने वाले अपने चहेते फर्म को लोग बड़ी शौक से पंचायत भवन पर जाकर रात में भी फर्म को पेमेंट लगाते रहते हैं। सचिवों के इस रवैए से यह स्पष्ट हो रहा है कि फर्म मालिक और सचिव के बीच जबरदस्त साठगांठ है। तभी तो सचिव महोदय टेंडर का भुगतान अखबार कार्यालय को लगाना हर दिन भूल जाते हैं। क्योंकि सचिव को अखबार कार्यालय एवं प्रतिनिधि से कुछ मिलना नहीं होता है। जहां मिलता है वहां रात में जाकर पेमेंट करते हैं और यही कारण है कि अखबार प्रतिनिधि को हर रोज दौड़ाया जाता है। जिसका खमियाजा अखबार प्रतिनिधि को भुगतना पड़ता है।
सचिवों के प्रति फरियादियों का क्या कहना है,
लक्ष्मीपुर ब्लॉक के सचिव प्रमोद कुमार सोनी के विषय मे रामअवध, सूरत, सतीश,पल्टू , उमेश, शिव प्रताप, रामसमुझ, राजू समेत अन्य ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि महीनों बीत जाते है, सचिव साहब के दर्शन के लिए साहब ना तो पंचायत भवन पर रात्रि निवास करते है और ना ही बैठते है। जिससे सरकारी योजनाओं की जानकारी नही मिल पाती है। वही जब जन्म प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र कुटुंब परिवार रजिस्टर की नकल के लिए ब्लॉक परिसर पहुँचो तो पता चलता है।वह भी महत्वपूर्ण दस्तावेज मुंशी के सहारे ही मिलता है । सूत्रों से पता चलता कि साहब कमरे पर नही है। सारा दारोमदार मुंशी उठाते हैं।
इस संबंध में लक्ष्मीपुर खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि समय से भुगतान करा दिया जाएगा। अखबार का टेंडर भुगतान की पहली प्राथमिकता होती है यह ऐसा नही किया गया है खेद का विषय है। इसकी जांच कराकर अविलम्ब भुगतान करने का निर्देश दिया जाएगा साथ ही टेंडर भुगतान में देरी करने वाले सचिवों पर कार्रवाई की जाएगी।