व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य

नसरूल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर।लोक आस्था का महापर्व की धूम शहर से लेकर ग्रमीण क्षेत्रों में भी चारों तरफ दिखाई दे रही है। बाजार में रौनक बढ़ गई है, रविवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ देकर वर्ती महिलाओं ने परिवार के साथ समाज और देश की खुशहाली की कामना की।
सनातन धर्म में माना जाता है कि छठ पूजा को कोई भी पूरी श्रद्धा भाव से करता है व्रत रखता है तो उसके पूरे घर में सुख की समृद्धि आती है। उसके परिवार में किसी भी प्रकार का कोई बीमारी नहीं आती है तथा संतान की भी उम्र लंबी होती है। आज व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ देकर भगवान सूर्य से जीवन तथा परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा है। घाटों पर महिलाओं ने छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए गीत गुनगुनाया काचही बॉस के बहंगिया बहँगी लचकत जाए… करवा जे फरेला घवध से ओपर सुगा मेंड़राय…। इसके बाद सोमवार को यानी की कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा का समापन होगा।
बताया जाता है कि अस्त होता सूरज यह बताता है कि वक्त थमता नहीं और दुनिया खत्म नहीं हुई और कल भी नए उजाले के साथ सूर्य उदय होगा, इसलिए इंसान को हारना नहीं चाहिए, उसे हालात के सामने घुटने नहीं टेकने चाहिए और ना ही परिस्थितियों से घबराना चाहिए। छठ का व्रत हमें यह बताता है कि हर अंत के बाद शुरुआत होती है और अंधेरे के बाद प्रकाश आता है।अर्घ्य देने के समय पूरे तट पर दीपक ही दीपक दिखाई पड़ रहा था पूरा तट दीपक की रोशनी से जगमगा उठा। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।