जीवन में सबसे बड़ा कार्य सेवा है : डा. बसंत नारायण सिंह ।

मिठौरा ।जिंदगी में आपके समक्ष बहुत ही संघर्ष आएंगे लेकिन उन संघर्षों का सामना डटकर करना होगा। जिस दिन आपको अपने जीवन लक्ष्य निर्धारण हेतु महत्वपूर्ण का आभास हो जाएगा उस दिन से निश्चित ही आप लक्ष्य के प्रति सजग हो जाएंगे। आप की पहचान आपके कर्मों से होनी है इसलिए कर्म सदैव उत्तम एवं चरित्र महान हो।क्योंकि कर्म और चरित्र मनुष्य की पहचान को बढ़ाते हैं। कर्मों के द्वारा अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाएं एवं मन में सेवा भाव रखें । जीवन में सबसे कठिन अगर कोई कार्य है तो वह है सेवा। जिस दिन आपके मन में सेवा भाव उत्पन्न हो जाएगा उस दिन आप जीवन जीना सीख लेंगे। उक्त बातें दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज चौक बाजार के राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित साप्ताहिक शिविर कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बसंत नारायण सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना जीवन को बेहतर तरीके से जीना सिखाता है ।इस साप्ताहिक शिविर में सीखे गए कार्यों को आप अपने जीवन में उतार सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि की भूमिका में प्राथमिक विद्यालय सोनाड़ी खास के प्रधानाध्यापक नंदलाल यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति गलतियां अवश्य करता है और गलतियां होती भी हैं लेकिन उन गलतियों से व्यक्ति को सदैव सीख लेनी चाहिए। क्योंकि गलतियों के द्वारा ही व्यक्ति महान होता है। यदि गलती करें तो उसको नजरअंदाज ना करें अपितु उससे सबक सीखें। यह भाव आपके जीवन को उत्तम बना देगा। कार्यक्रम में आभार व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी राम सुखी यादव एवं संचालन डॉ. राकेश कुमार तिवारी द्वारा किया गया ।शिविर का शुभारंभ मां सरस्वती एवं ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि व दीपप्रज्वलन से हुआ। छात्र अंतिमा निशा प्रतिमा और खुशी द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान की प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक कृष्णानंद शुक्ल अक्षय कुमार अग्निहोत्री सहित स्वयंसेवक और स्वयंसेविका उपस्थित रहे।