महराजगंजउत्तर प्रदेश

मनरेगा कार्यो की मॉनिटरिंग नही होने से जमकर हो रही धांधली,फर्जी लग रही हाजिरी।

परसामलिक ।सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और जिरोटालरेंस की निति पर काम करने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ नौतनवा ब्लॉक में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना धरातल पर उतरने से पहले ही ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है.

नौतनवा विकास खंड के कई गांवों में जिम्मेदारों द्वारा समय समय पर ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए जा रहे मनरेगा कार्यों की मॉनिटरिंग नही किए जाने की वजह से जमकर धांधली करते हुए धन का बंदरबाट किया जा रहा है।अमर भारती के संवाददाता द्वारा जमीन स्तर पर पड़ताल की गई तो मनरेगा योजना में हो रही भ्रष्टाचार की कलई परत दर परत खुलकर सामने आने लगी।कई गावो में ऐसे मजदूर है जो कभी साइड पर नहीं जाते हैं उनके नाम से साइड पर कार्य करते हुए आनलाइन मास्टरोल में रोजगार सेवक द्वारा हाजिरी लगा दी जाती है. ग्राम पंचायत में नियुक्त तकनीकी सहायक की मिलीभगत से साइड की एमबी करा दी जाती हैं,बिना कार्य कराए कुछ मजदूरों के खाते में पैसे भेज कर निकलवा लिया जाता है और उसके एवज में तीन से पांच सौ रुपए उन मजदूरों को दे दिए जाते है।सबसे बड़ी बात हैं कि मनरेगा योजना से हो रहें कार्यों में कई कार्य स्थलो पर कार्य शुरू होने के कई दिनों तक सीआईबी बोर्ड इस लिए नही लगाया जाता की ग्रामीणों को इसकी लागत समेत अन्य जानकारी न होने जाए, सीआईबी बोर्ड तब लगाया जाता जब कार्यस्थल का फोटो सेशन कर उस परियोजना का कागज़ी आंकड़ों में काम होकर पेमेंट के लिए ब्लॉक स्तर पर फाइल जाता है। अगर उच्च अधिकारी मनरेगा योजना से हो रहे कार्यों का समय समय से स्थलीय निरीक्षण कर जांच कर लें तो मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार का पोल परत-दर-परत खुल जायेगी। बता दे की बीते माह ग्राम पंचायत विषखोप में मनरेगा के तहत पोखरी खुदाई कार्य में हुई धांधली को “कागजों में चल रहा मनरेगा का कार्य ” शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद हरकत में आए जिम्मेदारों ने सबंधित ग्राम पंचायत को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को निर्देशित किया था। स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में उक्त कार्य से संबंधित जारी मस्टररोल को शून्य घोषित कर दिया गया।अब देखना यह लाजिमी होगा की मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार कब तक रूकता हैं या इसी तरह भ्रष्टाचारी सरकारी खजाने को खाली करते रहेंगे।

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