मिनी सचिवालयो को डिजिटल करने की अधूरी रह गई आस।

आशुतोष की रिपोर्ट
परसामलिक।नौतनवा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायतों को आधुनिक सुविधाओं के जरिए डिजिटल इंडिया को लेकर बड़े-बड़े सपने दिखाए जा रहे हैं। वही सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामपंचायतो में स्थापित मिनी सचिवालय को हाईटेक करने की योजना फिलहाल फेल होती नजर आ रही है। विभागीय अधिकारियों उदासीनता के वजह से कई ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर समेत अन्य उपकरण तो लगाए गए लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है। इससे कम्प्यूटर सिस्टम पर ऑनलाइन काम करने में पंचायत सहायकों को मोबाइल के जरिए नेट से करना पड़ रहा हैं।आमजन को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए शहर की राह नहीं पकड़ना होगी, बल्कि गांवों में ही उन्हें मिनी सचिवालय पर सारी सुविधाए मिलेंगी। स्थापित मिनी सचिवालय में विकास कार्यो के साथ ग्रामीणों की समस्याएं पहले से कम समय में निस्तारित हो सकेंगी। पंचायतों में स्थापित मिनी सचिवालय को हाईटेक करने के उद्देश्य से नौतनवा विकास खंड अंतर्गत बेलहिया, रेहरा, पिपरा, सेखुआनी, देवघट्टी सेवतरी, झिगटी, तरैनी, बरगदवा समेत अन्य ग्रामसभाओं कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण के साथ कई ग्रामसभाओं में बीएसएनएल के फाइबर राउटर भी लगाए गए लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते मिनी सचिवालय नेट कनेक्शन से अभी तक जुड नहीं पाए। ग्रामसभाओं में तैनात पंचायत सहायकों ने बताया की विभिन्न प्रकार के अनलाईन फीडिंग कार्यो हेतु वैकल्पिक मोबाइल डेटा के सहारे काम करना पड़ रहा है। मजबूरन इंटरनेट नहीं होने के कारण मोबाइल डेटा के जरिए स्लो स्पीड के बावजूद ग्राम सचिव व सहायक पंचायत कामकाज निपटा रहे हैं। ऐसे में न तो ग्राम पंचायतें हाईटेक हो सकीं, न ही पंचायत कर्मियों की भागदौड़ कम हुई।