उद्यमियों व राइस मिलर्स के साथ डीएम ने की बैठक।
महराजगंज। जिलाधिकारी अनुनय झा द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा लागू निजी औद्योगिक पार्क की योजना “प्लेज” के संदर्भ में उद्यमियों व राइस मिलर्स के साथ बैठक कर जनपद में निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने हेतु उन्हे प्रेरित किया गया।जिलाधिकारी ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उद्यमियों द्वारा उद्योग लगाने में आने वाली बाधाओं को दूर करने की दिशा में प्लेज योजना एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत उद्यमी स्वयं अथवा साझेदारी द्वारा निजी औद्योगिक पार्क स्थापित कर सकता है। इसमें शासन उसे ब्याज सब्सिडी व अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा की जनपद में कृषि आधारित उद्योगों जैसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अच्छी संभावना है । और उद्यमी इस दिशा में प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इसमें प्लेज योजना महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उन्होंने उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा की जनपद से अंतर्राष्ट्रीय मार्ग गुजरता है। इसके अलावा सड़कों व रेल की बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध है। अतः उद्यमियों को इन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अपनी सोच को विस्तार देना चाहिए और अपने उद्योग के साथ–साथ जनपद के विकास को भी रफ्तार देने का प्रयास करना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा की जनपद में कुछ उद्योग हैं जो बिखरे हुए हैं। उद्योगों के एक जगह होने से लागत तो कम होती ही, साथ ही अन्य कई लाभ भी मिलते हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्लेज योजना को सरकार लेकर आई है। ताकि उद्यमी सिर्फ सरकार पर आश्रित रहने के बजाय स्वयं के औद्योगिक पार्क स्थापित कर सकें।अपर जिलाधिकारी डॉ पंकज कुमार वर्मा ने सभी उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इससे पूर्व उपायुक्त उद्योग अभिषेक प्रियदर्शी ने “निजी औद्योगिक पार्को के विकास की योजना के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्यमों की स्थापना हेतु औद्योगिक भूमि की आवश्यकताओं को सुनिश्चित किये जाने हेतु “निजी औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना “प्रारम्भ की गयी हैं। जिसे निजी प्रवर्तक के द्वारा निर्माण स्वामित्व संचालन के आधार पर संचालित किया जायेगा।उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत निजी प्रवर्तकों द्वारा न्यूनतम 10 एकड़ से लेकर अधिकतम 50 एकड़ तक भूमि पर निजी औद्योगिक पार्क विकसित किया जा सकता है। विकसित किये गये औद्योगिक पार्कों में न्यूनतम् प्रति एकड़ 1 इकाई को भूखण्ड आवंटित किया जाना अनिवार्य होगा, जिसमें विकसित औद्योगिक प्रयोजन की भूमि में से 75 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्यम इकाईयों के लिये आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। बताया कि इस योजना के अन्तर्गत विकसित किये जा रहे भूखण्डों के आवंटन, संचालन तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव का सम्पूर्ण दायित्व निजी प्रवर्तकों का होगा। प्रस्तावित निजी औद्योगिक पार्क तक पहुँच मार्ग का सुदृढीकरण राज्य सरकार के द्वारा विद्यमान नीति के अन्तर्गत कराया जायेगा । इस योजना के अन्तर्गत 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि पर एम०एस०एम०ई० पार्क विकसित करने वाले प्रवर्तकों को जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के मूल्य का 90 प्रतिशत अथवा औद्योगिक पार्क विकसित करने में आवश्यक धनराशि में से जो भी कम हो 1 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराई जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत प्रथम तीन वर्षों तक प्रर्वतक को दी गयी धनराशि पर 01 प्रतिशत का साधारण ब्याज लिया जायेगा। तथा चौथे वर्ष से कारपस फंड से दी गयी धनराशि पर छः प्रतिशत की दर से साधारण वार्षिक ब्याज लिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा दी गयी पूँजी को वापस करने की अधिकतम् अवधि 6 वर्ष होगी। प्रवर्तक विकासकर्ता के द्वारा विकसित निजी औद्योगिक पार्क में औद्योगिक भूखण्डो को क्रय करने अथवा लीज पर लेने पर क्रेता उद्यमी को स्टाम्प शुल्क पर 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। बैठक में डिप्टी आर.एम.ओ विवेक सिंह, जिला सूचना अधिकारी प्रभाकर मणि त्रिपाठी, सहायक आयुक्त उद्योग राकेश कुमार जायसवाल सहित उद्यमी व राइस मिलर्स उपस्थित रहे।