कुशीनगरउत्तर प्रदेश

आस्था के केन्द्र है मथौली का चेड़ा माता मंदिर

कुशीनगर।जनपद की मां चेड़ा देवी की प्रसिद्धि दूर-दूर तक विख्यात है।भक्तों में मान्यता है कि चेड़ा देवी के दरबार में सच्चे भाव से सिर झुकाने से हर मुराद पूरी होती है। माता के दर्शन भर से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। मां चेड़ा देवी का मंदिर कप्तानगंज मार्ग पर स्थित मथौली बाजार से दो किलोमीटर दूर ऊंचे टिले पर स्थापित है। मथौली बाजार से पैदल यात्रा कर या निजी साधन व रिक्शा से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर क्षेत्र के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।मां चेड़ा देवी शक्तिपीठ के बारे में प्रचलित कहानियां व क्षेत्र के लोगों के अनुसार कप्तानगंज के देउरवा गांव में एक पंडित रहते थे जो जमींदार थे। एक बार एक महात्मा उनके घर आए। महात्मा ने कहा की आप भाग्यशाली हैं। आप के घर एक कन्या जन्म लेगी, जो आदिशक्ति का रूप धारण करेगी। लेकिन जिस दिन वह किसी शूद्र से स्पर्श होगी, उसी दिन वह अंतर्ध्यान हो जाएगी। कुछ समय बाद पंडित जी के घर कन्या ने जन्म लिया। कन्या का नाम चेड़ा रखा गया। वही पंडित जी के घर एक शूद्र जाति का हरवाहा रहता था जो खेती का काम करता था। एक समय धान का बेहन खेत में ले जाते समय चेड़ा मां से शुद्र हरवाहा के शरीर का स्पर्श हो गया। जिससे मां के ऊपर गलत आरोप लगने लगा तो चेड़ा देवी मथौली पश्चिम सिवान में जाकर धरती मां से कहा कि अगर हमने पाप नहीं किया है तो आप फटिये उसी में समा जाए। जिसपर धरती मां फटी और चेड़ा देवी धरती में समा गई।राहगीर के सपने में आईं थीं माता

सैकडों वर्ष बाद एक समय माता के स्थान से एक राहगीर गुजर रहा था कि वह मां के स्थान के पास ही बैठकर आराम करने लगा। उसे मां चेड़ा देवी ने स्वप्न में कहा की इस स्थान पर मेरी मूर्ति है, इसकी पूजा करो। यहां आने व पूजा करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। आगे चलकर यह स्थान श्रद्धालुओं के बीच मां चेड़ा देवी शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। आज चेड़ा देवी स्थान पर रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा पाठ करने आते हैं वहीं शादी ब्याह, मुंडन संस्कार आदि के कार्यक्रम भी वर्ष भर होते रहते है।एक टीले जैसे स्थान पर मां चेड़ा देवी शक्तिपीठ मूर्ति के रूप में स्थापित हैं। वही मंदिर के बगल में हनुमान जी व भोलेनाथ की मूर्ति मौजूद है। इसकी प्रसिद्धि से ही प्रदेश सरकार द्वारा इस स्थान को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।श्रद्वालुओ ने बताया कि मां चेड़ा देवी का दर्शन करने दूर-दूर से भक्त आते हैं। मां सबकी मुरादें पूरी करती हैं। यहां का इतिहास रहा है कि कोई भक्त खाली हाथ नहीं जाता है। मां के दरबार में मेरी सभी मुरादें पूरी हुई है।

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