महराजगंजउत्तर प्रदेश

3164 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर परखी गयी बच्चों की सेहत।

महराजगंज ।राष्ट्रीय पोषण माह में शुक्रवार को जिले के सभी 3164 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम उत्सव के रूप में मनाया गया। प्रतियोगिता में चयनित सभी केन्द्रों के एक-एक बच्चे को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस तरह से सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के चयनित 9492 स्वस्थ बालक बालिकाओं को केन्द्र पर ही पुरस्कृत किया गया।जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा का मुख्य उद्देश्य सुपोषित प्रदेश की परिकल्पना को साकार करना है। इसकी सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग, ग्राम प्रधान व पोषण पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढ़ाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना है।कार्यक्रम के दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्रोथ माॅनिटरिंग डिवाइस, ग्रोथ चार्ट तथा कम्युनिटी ग्रोथ चार्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी। बच्चों का वजन लेने के पश्चात वजन, लंबाई और ऊंचाई की फीडिंग पोषण ट्रैकर एप पर की गयी। समुदाय में स्वास्थ्य और पोषण के मुद्दे पर प्रतिस्पर्धात्मक जागरूकता लाने का प्रयास किया गया। डीपीओ ने लोगों से अपील की है कि स्पर्धा कार्यक्रम में कुपोषण मिटाने के लिए मिली जानकारी को अपने व्यवहारिक जीवन में उतार कर अपने बच्चों को सुपोषित बनाएं। कुपोषण चक्र तोड़ने और मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मातृ पोषण की अहम भूमिका है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए। समय-समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए। पौष्टिक आहार, हरी सब्जी, मौसमी फल एवं अन्य पोषक सामग्री का सेवन करते रहना चाहिए, क्योंकि सेहतमंद मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।सदर ब्लाॅक के आंगनबाड़ी केन्द्र सतभरिया पर मुख्य सेविका सीमा दुबे की देख रेख में आयोजित बालक बालिका कार्यक्रम में कुल 28 बच्चों ने प्रतिभाग किया, जिनकी सेहत की जांच कर पोषण ट्रैकर एप फीड किया गया। प्रतियोगिता में चार स्वस्थ बच्चे चयनित किए गए । इनमें एक बालक और तीन बालिकाओं के नाम है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नूरी पांडेय के केन्द्र से दिवांश 18 माह व अनन्या 35 माह तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा देवी के केन्द्र से तान्या 16 माह अनन्या 24 माह का चयन स्वस्थ बालक बालिका के रूप में किया गया। मुख्य सेविका सीमा दुबे ने कहा कि लाभार्थियों को मिलने वाले पोषाहार तथा सूखा राशन ने विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर सेवन करना चाहिए. गर्भवती को गर्भावस्था से ही अपने तथा अपने बच्चे के सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए। समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण कराते रहना चाहिए। प्रसव के बाद छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए । छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ दो साल तक स्तनपान जारी रखना चाहिए।इस अवसर पर सहायिका शांति देवी व विन्द्रावती के अलावा विकास, ओमप्रकाश, सुशील, सावित्री, रंजना, सपना, अविनाश, धीरज, वाशु, अंश, सोनाली, अर्पिता, भव्या, नव्या, और निरमा प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

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