शीघ्र अनुसूचित जनजाति में शामिल नही हुए मुसहर तो चलेंगे मुख्यमंत्री दरबार: पप्पू पांडेय*

नसरुल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर। पडरौना विकास खण्ड के ग्राम सभा जंगल नाहर छपरा में बुधवार को पूर्वांचल किसान यूनियन के बैनर तले मुसहरों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए महापंचायत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष पप्पू पाण्डेय ने महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुसहर अनुसूचित जाति नहीं बल्कि अनुसूचित जनजाति के है। कोल, भील, संथाल वाली श्रेणी में रहने वाले आदिवासी मुसहरों को प्रशासन की उपेक्षा के चलते अनुसूचित जाति में शमिल किया गया है, जो इनके हक पर आघात और कुठाराघात है। विलुप्त होती प्रजाति मुसहर समाज को अनुसूचित जनजाति में जब शामिल किया जायेगा तो इनके मूलभूत उद्देश्य की पूर्ति तो होगा ही इनको अधिकार भी मिलेंगे । प्रदेश सरकार द्वारा मुसहरों के उत्थान के लिए अनेक योजनाओं को ला रही है जो प्रशासन की उदासीनता के चलते कागजों तक ही सीमित रह जा रहा है। मुसहरों को अनुसूचित जाति का दर्जा देकर बाकी अनुसूचित जातियों में शामिल होने के बाद मुसहर समाज, समाज की मुख्य धारा और अपने अधिकारों से काफी विरक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि आज आरक्षण के क्षणिक लाभ लेने के लिए बहुत सारी जातियां धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन करके अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन प्रायः जंगलों में और जंगलों के तटों पर रहने वाले आदिवासी मुसहर समाज जिनका सम्पूर्ण हक अनुसूचित जनजाति पर है, इसको सरकार व जिला प्रशासन शीघ्र ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा दें । अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुसहर समाज के लोग वृहद अन्दोलन करते हुए अपने अधिकारों के लिए धरना, प्रदर्शन करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन की होगी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अरुण सुदामा मुसहर. सूर्यबली मुसहर. संकर मुसहर. रमेश.सुभावती. कोकिल. पताशी. फेंकनी. नवमी. नागिया. हरिबंश. रामावतार. संतोष. बदमिया. योगेन्द्र. इंदु. आदि सैकड़ो मुसहर परिवार उपस्थित रहे।