जिला अस्पताल, कंपोजिट विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र सिसवा-अमहवा,का किया निरीक्षण।

महराजगंज। अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण आयोग उ.प्र.देवेंद्र शर्मा ने जनपद भ्रमण के दौरान जिला अस्पताल, कंपोजिट विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र सिसवा-अमहवा, वन स्टॉप सेंटर, जिला कारागार, और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सदर का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया। अध्यक्ष ने सबसे पहले जिला संयुक्त चिकित्सालय में एनआरसी और पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। दोनों वार्ड पूरी क्षमता के साथ क्रियाशील थे। अध्यक्ष ने भर्ती बच्चों के अभिभावकों से बात की। सभी ने बताया कि अस्पताल में उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही हैं। अस्पताल में मरीजों की बड़ी संख्या देखकर उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है। कि लोगों में सरकारी अस्पतालों के प्रति विश्वास है। इसका मतलब है कि शासन के प्रयासों का लाभ उन्हें मिल रहा है। इसके उपरांत उन्होंने वन स्टॉप सेंटर को देखा। यहाँ उन्होंने अभिलेखों को देखा और आवासित बालिकाओं महिलाओं की जानकारी ली। केंद्र प्रभारी ने बताया कि वर्तमान में 02 बालिकाएं केंद्र में आवासित हैं। जिनकी काउंसलिंग की जा रही है। साथ ही उन्हें पुनः घर भेजने की कार्यवाही की जा रही है। अध्यक्ष ने केंद्र व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए केंद्र की खिड़कियों पर जाली लगवाने का निर्देश दिया। इसके उपरांत अध्यक्ष ने कंपोजिट विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र सिसवा-अमहवा का निरीक्षण किया। आंगनबाड़ी केंद्र में उन्होंने बच्चों की गतिविधियों की जानकारी ली। मुख्यसेविका ने बताया कि केंद्र पर निपुण भारत कार्यक्रम के तहत बच्चों को 1-10 तक संख्या ज्ञान, दो अक्षर के शब्दों का ज्ञान और फल व सब्जी आदि की पहचान कराया जाता है। अध्यक्ष ने केंद्र के प्रबंध पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कंपोजिट विद्यालय में नामांकन की तुलना में उपस्थिति कम होने पर नाराजगी व्यक्त की और अभिभावकों से वार्ता कर बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाने का निर्देश दिया। विद्यालय में प्राइमरी व जूनियर कक्षाओं की कुल सम्मिलित संख्या 348 है। निरीक्षण के दौरान 213 छात्र उपस्थित थे। इसके उपरांत उन्होंने जिला कारागार में महिला बैरक में माता बंदियों से बात की। उन्होंने क्रेच व चिल्ड्रेन पार्क को देखा और जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि क्रेच में एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री को सम्बद्ध करें, ताकि बच्चों के शिक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने 18-21 वर्ष के बंदियों की शिक्षा हेतु एक शिक्षक को जिला कारागार से सम्बद्ध करने हेतु बीएसए को निर्देशित किया। साथ ही जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जिन प्रकरणों में पति-पत्नी दोनों जेल में सजा काट रहे हैं। उनके बच्चों की सूची प्रोबेशन अधिकारी को उपलब्ध कराएं और प्रोबेशन अधिकारी जांच के उपरांत ऐसे बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभान्वित करें। अंत मे अध्यक्ष ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय सदर में छात्राओं के साथ मध्यान्ह भोजन किया। भोजन में चावल-दाल, रोटी-सब्जी, सलाद व रायता परोसा गया। अध्यक्ष ने कहा कि बाल कल्याण से जुड़े सभी विभाग जिम्मेदारी के साथ बालक बालिकाओं के कल्याण हेतु कार्य करें और शासन की योजनाओं से उन्हें लाभान्वित करें।निरीक्षण के दौरान प्रोबेशन अधिकारी डीसी त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार, जेल अधीक्षक प्रभात सिंह, सीएमएस डॉ ए.के. भार्गव आदि अधिकारी उपस्थित रहे।