सीमेंट की दुकानों से अवैध तरीके से हो रही ऊर्वरक की बिक्री।
ग्रामीणों ने लगाया प्रशासनिक संलिप्तता का आरोप।
आशुतोष की रिपोर्ट
परसामलिक ।सीमावर्ती क्षेत्रो में हो रही उर्वरक की तस्करी को देखते हुए शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार इंडो नेपाल बॉर्डर से 10 किमी बाद ही उर्वरक बिक्री का लाइसेंस जारी किया जाता है। वही प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से नौतनवा विकास खंड अंतर्गत सेखुआनी चौराहे के समीप तथाकथित दो सीमेंट की दुकानों से अवैध तरीके से उर्वरक की बिक्री का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों की माने तो परसामलिक थाने से महज 1 किलोमीटर की दूरी उक्त सीमेंट की दुकानों से प्रतिदिन उर्वरक की बिक्री अवैध तरीके से की जाती है।किसानों से यूरिया 320 से 350 रुपए में बिक्री की जाती है। सीमेंट विक्रेताओं द्वारा रात के अंधेरे में पहले उर्वरक की खेप मंगा अपने सीमेंट की दुकान पर स्टोर किया जाता है। फिर किसानों को ऊंचे दामों में बेच दिया जाता है। बताया जा रहा है की दोनो दुकानदारों द्वारा जिगिना जमुहानी में उर्वरक बिक्री का लाइसेंस लिया गया है वहा उर्वरक को उतरवाकर रात के अंधेरे में पिकअप के जरिए सेखुआनी स्थित दुकानों पर मंगा कर ऊंचे दामों में बिक्री करते है।
सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है काले कारोबार का चिट्ठा
परसामलिक नौतनवा विकास खंड अंतर्गत सेखुआनी स्थित तथाकथित सीमेंट की दुकानों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से व्यक्तिगत सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया है।अगर इन सीसीटीवी की जांच की जाय तो सेखुआनी में चल रहे अवैध उर्वरक के सिंडीकेट का भंडाफोड़ हो सकता है।