सामुदायिक शौचालय पर लगा ताला, जिम्मेदार मौन।

आशुतोष की रिपोर्ट
परसामलिक।स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत शासन द्वारा प्रत्येक गाँवो में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के उपरांत लाखो की भारी भरकम रकम से सामुदायिक शौचालय की स्थापना की गई। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी जिसका खमियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है नतीजन सामुदायिक शौचालय पर ताला लगा होने की वजह से लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है। नौतनवा विकास खण्ड अंतर्गत ग्रामसभा सोनपिपरी में लाखो की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया तो लोगो को चेहरे खिल उठे उन्हें लगा की अब शौच के लिए खेतो में जाने को मजबूर नही होना पड़ेगा।लेकिन समय के साथ उनकी उम्मीदें धूमिल हो गई।रख रखाव के आभाव में सामुदायिक शौचालय पर ताला लग गया।शौचालय पर विधुत की व्यवस्था नदारद है वही पानी सप्लाई लगाई गई टंकी भी हवाओ के झोंके के साथ नीचे गिर गई।लोगो का कहना है की कई महीनो से शौचालय पर ताला लगा हुआ है लेकिन शिकायतो के बावजूद जिम्मेदारों ने सुधि नहीं ली।नतीजन शौच के लिए ग्रामीणों को खेतो की तरफ रुख करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है की सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव के लिए स्वयं सहायता समूह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए प्रतिमाह छह हजार रुपये मानदेय व तीन हजार रुपये रखरखाव के लिए दिए जा रहे हैं। अब ऐसे में स्थलीय जांच के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी। ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से अविलंब शौचालय को शुरू कराने की मांग की है।