स्वास्थ्य केंद्रों से लाभार्थी तक सुनिश्चित की जा रही है टीकों की गुणवत्ता।

महराजगंज ।बच्चों को तेरह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । इन सभी प्रमुख टीकों की उपलब्धता स्वास्थ्य केंद्रों से लाभार्थी तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित की जा रही है । टीके की आपूर्ति के सभी स्तरों पर कोल्ड चेन के कारण भी सरकारी अस्पताल का टीका अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और असरकारक होता है । इस संबंध में जिले के 28 कोल्ड चेन हैंडलर्स को तकनीकी जानकारियां देकर उनका क्षमता संवर्धन किया गया है। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ राकेश कुमार ने दी।उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वीर विक्रम सिंह ने बताया कि कोल्ड चेन हैंडलर्स की क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कोल्ड चेन हैंडलर्स की भूमिका टीके की गुणवत्ता बनाये रखने में अहम होती है । उन्होंने ने सभी कोल्ड चेन हैंडलर्स को नियमित टीकाकरण सारणी के बारे विस्तृत जानकारी देतेहुए पांच साल सात बार टीकाकरण के महत्व को भी बताया।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ केपी सिंह ने कहा कि सभी कोल्ड चेन हैंडलर्स यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य केंद्र पर बने कोल्ड चेन में टीके को दो से आठ डिग्री तापमान के बीच बरकरार रखा जाए । अवकाश के दिनों में भी कोल्ड चेन के तापमान पर नजर रखी जाती है । हैंडलर्स को दिशा निर्देश है। कि वह वैक्सीन का स्टॉक ऑनलाइन अपडेट रखें । साथ ही जहां किसी प्रकार की कमी है वहां आसपास के कोल्ड चेन से भी टीके उपलब्ध कराए जाते हैं।उन्होंने आइसपैक कनडीसिनिंग, बफर स्टॉक मिनिमम स्टॉक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही ओपेन वायल पालिसी क्या है, कौन कौन सी वैक्सीन पर लागू होता है। इसके बारे में भी विस्तार से चर्चा की कोल्ड चेन हैंडलर्स को यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुमार सिंह ,यूएनडीपी संस्था के कुशीनगर जनपद के वीसीसीएम सत्य प्रकाश द्विवेदी, यूएनडीपी महराजगंज के प्रतिनिधि नागेन्द्र पांडेय , चाई संस्था के प्रतिनिधि आशुतोष मिश्रा की मदद से तकनीकी जानकारियां दिलवाई गई हैं । उन्हें खासतौर पर बताया गया कि मुख्य स्टोर से स्वास्थ्य केंद्र और वहां से सत्र स्थल तक टीका ले जाने में तापमान को बनाये रखना है । कोल्ड चेन पर लॉगबुक को हमेशा मेंटेन रखना है और समय समय पर अपने केंद्र के उच्चाधिकारी से कोल्ड चेन का पर्यवेक्षण भी करवाना है । इस अवसर पर सुमन पटेल, आफताब आलम,अरविंद तिवारी, आर एन गुप्ता, धर्मेन्द्र प्रसाद प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
कोल्ड चेन पर रखना है ध्यान
कोल्डचेन टेक्निशियन सुभानल्लाह ने बताया कि प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि कोल्ड चेन पर अगर कोई टीका खुलने के कारण खराब हो चुका है तो उसे अलग रखा जाए । उसे कोल्ड चेन सिस्टम से बाहर कर दिया जाए ताकि वह गलती से भी सत्र पर न जा सके । टीकाकरण में ओपेन वायल का प्राथमिकता के आधार पर इस्तेमाल करना है ताकि वह बर्बाद न हो। प्रयास होना चाहिए कि टीके का कोल्ड चेन कभी टूटने न पाए। अगर कोई तकनीकी बाधा आती है तो कोल्ड चेन बाक्स या आवश्यकता पड़ने पर टीकों का ट्रांसफर कर उनकी गुणवत्ता बनाए रखना है ।