टीबी से बचाव के लिए निकट सम्पर्की जरूर खाएं बचाव की दवा-सीएमओ ।

महराजगंज । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाना का लक्ष्य है। इसके लिए समय-समय पर टीबी रोगी खोजी अभियान चलाया जाता है। पहली जनवरी से भी 100 दिन का अभियान शुरू किया गया है । टीबी का उपचार शुरू होने के तीन से चार सप्ताह बाद उसके संक्रमण की आशंका समाप्त हो जाती है, लेकिन गैर उपचारित अवस्था में टीबी का संक्रमण निकट सम्पर्कियों में हो सकता है। यही वजह है कि जिन घरों में टीबी के मरीज निकल रहे हैं उनमें मरीजों के निकट सम्पर्कियों की भी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जिन निकट सम्पर्कियों में टीबी की बीमारी निकलती है उनकी दवा शुरू की जाती है। जिन निकट सम्पर्कियों में इस बीमारी की पुष्टि नहीं होती है उन्हें भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि जिले में टीबी मरीज के सम्पर्की 11322 लोग टीपीटी टीबी से बचाव की दवा खा रहे हैं।
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अभियान में 83771 लोगों की हुई स्क्रीनिंग, 158 मिले टीबी के मरीज
जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.वीरेंद्र आर्य ने बताया कि पहली जनवरी 2025 से शुरू हुई 100 दिन टीबी रोगी खोजी अभियान में 15 जनवरी तक 83771 लोगों की स्क्रीनिंग हुई । इनमें 158 टीबी रोगी मिले।
अभियान के दौरान संभावित 3191 लोगों की जांच सीबीनाट मशीन से कराई गयी,जबकि 15621 लोगों को एक्सरे के लिए रेफर किया गया।
16 एचआईवी मरीज भी खा रहे टीबी की दवा ।
जिला संयुक्त चिकित्सालय के एआरटी सेंटर के प्रभारी डाॅ.एवी त्रिपाठी ने बताया कि जिले में एचआईवी ग्रसित उपचाराधीन 16 मरीज टीबी की दवा खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचआईवी मरीज में टीबी की आशंका अधिक होती है। इसलिए नये एचआईवी मरीज मिलने पर उसको भी छह माह तक टीबी से बचाव की दवा खिलायी जती है।
टीबी के लक्षण:
– दो सप्ताह तक लगातार खाॅसी आना।
– सीने में दर्द होना ।
– बलगम में खून आना।
– तेजी से वजन घटना।
– भूख न लगना.
– रात में पसीने के साथ बुखार आना।