कुशीनगरउत्तर प्रदेश

2763 गर्भवती ने ई-रूपी वाउचर से निजी केन्द्रों पर कराया अल्ट्रासाउंड।

नसरुल्लाह अंसारी की रिपोर्ट 

कुशीनगर। स्वास्थ्य विभाग प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस पर चिकित्सकीय जांच कराने आने वाली गर्भवती को ई-रूपी बाउचर के जरिए निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्र पर सरकारी प्रावधानों के तहत अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। पिछले साढे चार माह में 2763 गर्भवती को यह सुविधा दी गयी।
जिले के कसया ब्लॉक के अनुधवा गांव की निवासीनी तीन माह की गर्भवती रीना देवी (25) दूसरी बार गर्भवती हैं। उन्होंने बताया कि वह 24 मई को पीएमएसएमए दिवस पर जांच कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसया गई थी। वहां महिला चिकित्सक ने सीएचसी में होने वाली जांच के अलावा अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। अल्ट्रसाउंड कराने के लिए ई-रूपी बाउचर देकर कसया के ही एक निजी अनुबंधित अल्ट्रासाउंड केन्द्र पर भेजा गया। वह बताती हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके फोन पर दिए गए आनलाइन बाउचर को स्कैन किया गया। इस दौरान उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया, जिसे देने के बाद ही वह सुविधा का लाभ उठा सकीं। ओटीपी से ई-रुपी वाउचर को वेरीफाई किया जाता है।

*गर्भावस्था में तीन बार अल्ट्रासाउंड जरूरी*

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमकूही के अधीक्षक डाॅ.अमित राय ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान तीन बार अल्ट्रासाउंड कराना जरूरी होता है। अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है कि मां और शिशु की स्थिति क्या है। शिशु का वजन तो नहीं कम है। दिल सम्बंधी कोई बिकार तो नहीं है। शरीर में पानी की कमी तो नहीं है। मां के पेट में शिशु की स्थिति क्या है। कहीं टेढ़ा तो नहीं है। शिशु का वजन कितना है।

*माह में चार दिन मनाया जाता है पीएमएसएमए दिवस*

मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला परामर्शदाता डाॅ.रितेश तिवारी ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर जनवरी से 15 जून के बीच कुल 13675 गर्भवती की जांच की गयी। इनमें 1709 गर्भवती एचआरपी मिली तथा 2763 की अल्ट्रासाउंड की सेवा दी गयी। उन्होंने बताया कि गर्भवती की जांच के लिए माह में चार बार पीएमएसएमए दिवस का आयोजन हो रहा है। इन चारों दिवसों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा के लिए चिकित्सक के जरिए गर्भवती को ई-रूपी बाउचर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। फरवरी माह से प्रारंभ हुई इस सेवा का अधिक से अधिक लोग लाभ लें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि ई-रूपी वाउचर की सेवा लेने के लिए लाभार्थी के पास चालू हालत में मोबाइल होना जरूरी है। मतलब नंबर चालू हो। मोबाइल पर ही क्यूआर कोड टैक्स्ट मैसेज के रूप में जाता है।

*जिले में अट्ठारह सेंटर्स पर मिल रही सुविधा*

जिला परामर्शदाता ने बताया कि
स्वास्थ्य विभाग ने ई-रूपी वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड करने के लिए जिले के अट्ठारह अल्ट्रासाउंड सेंटर्स को अनुबंधित किया है। इन केन्द्रों पर माह के पहली तारीख, नौ तारीख, 16 तारीख और 24 तारीख को चिकित्सक की सलाह पर वाउचर के जरिए यह सुविधा दी जाती है।

*बेहतर है ई-रुपी वाउचर की व्यवस्था*

कसया स्थित एक सम्बद्ध अल्ट्रासाउंड सेंटर के मैनेजर नवीन ने बताया कि वह स्वास्थ्य विभाग के लिए अल्ट्रासाउंड की सेवा पहले से देते आ रहे हैं। पहले सब कुछ मैनुअल होता था। पहले पर्ची लेकर आने वाली लाभार्थी का अल्ट्रासाउंड किया जाता था। उस व्यवस्था से भुगतान लेने में समस्या होती थी। अब ई-रूपी बाउचर से लाभार्थी को सेवाएं दी जा रही हैं। अब समय से उन्हें भगतान मिल जा रहा है। अल्ट्रासाउंड सेंटर के लिए ई-रुपी वाउचर की सेवा अच्छी है। अब में सहूलियत होती है। सब कुछ पारदर्शी होता है।

*क्या है ई-रूपी बाउचर*

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के समन्वय से गर्भवती को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस पर आवश्यकतानुसार अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इस दौरान एसबीआई पोर्टल से गर्भवती को एक ऑनलाइन बाउचर दिया जाता है। यह बाउचर अधिकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर दिखाने के बाद संचालक बाउचर को स्कैन करेगा। इस दरमियान ई-रूपी बाउचर जेनरेट कराते समय दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी को लेकर संचालक ई-रूपी बाउचर को वेरीफाई कर उल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करा सकेगा। इस ई-रूपी बाउचर का उपयोग जारी होने एक माह के भीतर ही करना होगा।

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