पालतू जानवरों से रहें सावधान-सीएमओ ।

महराजगंज । लेप्टो स्पायरोसिस नामक बीमारी से बचाव के लिए सीएमओ कार्यालय सभागार में शुक्रवार को चिकित्सा अधिकारियों और ब्लाॅक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर्स को प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि लेप्टो स्पायरोसिस नामक बीमारी से बचाव के लिए पालतू जानवरों से सावधान रहना जरूरी है। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बीसीपीएम अपने अपने ब्लाॅक में जन समुदाय को जागरूक करें। प्रशिक्षक व डिप्टी सीएमओ डाॅ केपी सिंह ने बताया कि प्रोग्राम फार प्रिवेंशन एंड कंट्रोल आफ लेप्टोस्पायरोसिस पीपीसीएल के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य लेप्टो स्पायरोसिस नामक बीमारी से बचाव करना है । उन्होंने कहा क संक्रमित जानवरों के पेशाब से इंसानों में फैलने वाली बीमारी को लेप्टो स्पायरोसिस कहा जाता है । यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो संक्रमित जानवरों के पेशाब से फैलता है। इस बैक्टीरिया का नाम लेप्टोस्पायरोसिस है ।
प्रशिक्षक डाॅ मनीष खन्ना ने बताया कि स्पायरोसिस नामक बीमारी संक्रमित जानवरों के मल मूत्र , रक्त, या ऊतकों के सीधे सम्पर्क में आने से, संक्रमित जानवरों के मूत्र से दूषित पानी या मिट्टी के संपर्क में आने से, दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से होता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसीएमओ डाॅ राजेन्द्र प्रसाद, एसीएमओ डाॅ राकेश कुमार, डिप्टी सीएमओ डाॅ वीर विक्रम सिंह, डिप्टी सीएमओ डाॅ नीरज लाल कन्नौजिया, डिप्टी सीएमओ राजेश द्विवेदी, डीपीएम नीरज सिंह, प्रशिक्षक डाॅ रफीक, प्रीति मिश्रा, डाॅ पवन सिंह, डॉ प्रमोद, डाॅ प्रवीन कुमार राय, बबीता शर्मा, महेंन्द्र पटेल, विनोद, लवली वर्मा आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
लेप्टो स्पायरोसिस के लक्षण:
-कपकपी लगना।
-मांसपेशियों में दर्द ।
-सिरदर्द ।
-अचानक बुखार आना।
-आंखों में खुजली होना।
-पेशाब करने में दिक्कत ।
-चमड़ी पर चकत्ते पड़ना।
-उल्टी और दस्त होना।
लेप्टो स्पायरोसिस से बचाव के तरीके:
-जानवरों के आसपास है तो साबुन और पानी से हाथ धोवें।
-जानवरों के पास रहना होता है तो कोई घाव होने पर तुरंत इलाज कराएं।
-घाव होने और त्वचा कटने पर ठीक होने तक जानवरों से दूर रहें।
-किसी जानवर के पेशाब के संपर्क में आए है तो साबुन और पानी अच्छी तरह स्नान कर लें।
-घर में पालतू जानवर तो उन्होंने लेप्टो स्पायरोसिस का टीका अवश्य लगवाएं ।
नदियों, नहरों, झीलों का पानी न पिएं। इसे उबाल कर ही पिएं।