कालाजार जांच हेतु 15 व्यक्तियों के लिए गए सैम्पल, सभी निगेटिव।

आशुतोष की रिपोर्ट
परसामलिक।सामान्यत गंदे एवं नमी वाले इलाकों तथा कच्चे घरों में रहने वाले स्थानों पर पनपने वाले मक्खी के काटने से होने वाले कालाजार बीमारी के बचाव के दृष्टिगत सीएचसी रतनपुर में तैनात लैब टेक्नीशियन सेराज खान द्वारा नौतनवा विकास खण्ड अंतर्गत ग्रामसभा अमहवा में जांच अभियान के क्रम में ग्रामीणों को जागरूक करते हुए 15 ग्रामीणों के सैम्पल लिए गया। जांच के दौरान सभी निगेटिव मिले। सीएचसी रतनपुर चिकित्सा प्रभारी डॉ. अखिलेश यादव ने बताया कि
कालाजार मक्खी के काटने से फैलने वाली बीमारी है। कालाजार सामान्यता गंदे एवं नमी वाले इलाकों तथा कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में अधिक पाया जाता है। इस रोग के कारण बुखार के साथ-साथ रोगी के हाथ पैर पेट एवं चेहरे का रंग भूरा, काला हो जाता है।इस रोग की चपेट में आने वालों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता निरंतर कम होती जाती है। लीवर की तिल्ली बढ़ जाती है, जिससे शरीर में खून नहीं बनता और अन्य रोग भी अपनी गिरफ्त में लेने लगते हैं। ज्यादातर जमीन पर सोने वाले लोग ही इस बीमारी की चपेट में आते हैं।ग्राम प्रधान मुफ़्ती अख्तर रजा ने बताया कि ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाकर सोने, घरों के आसपास साफ-सफाई रखने और नालियों को साफ रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है।