आयुष्मान” के सहारे खड़ा हो सकेंगे बुद्धू।
अंधेरे में दीवार पर चढ़ते समय फिसलने से टूट गया था बायां पैर।
महराजगंज।अंधेरे में दीवार पर चढ़ते समय पैर फिसलने से गिरे बुद्धू 73 का बायां पैर टूट गया तो खड़े होने के लिए आयुष्मान भारत योजना ही उनके लिए का सहारा बन गयी। योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में उनके पैर का सफल आपरेशन हो चुका है, और कुछ दिनों में वह अपने पैरों पर चलने भी लगेंगे।भिटौली क्षेत्र के निवासी बुद्धू ने बताया कि 26 अप्रैल 2023 को वह खेत की तरफ से आ रहे थे कि रास्ते में मेड़ पर दीवार पर चढ़ कर जाने की कोशिश करने लगे। रात में अंधेरे में वह दीवार पर चढ़ रहे थे कि पैर फिसलने से गिर गये जिससे उनका बायां पैर टूट गया।उन्होंने बताया कि उनके पास मात्र 15 डिसमिल खेत है। जाब कार्ड से मनरेगा में काम करके पति पत्नी किसी तरह झोपड़ी में गुजारा करते हैं। उनके सभी पुत्र भी उनसे अलग रहते हैं।जब पैर में चोट लगी तो सबसे पहले उन्होंने धर्मपुर के एक निजी चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने पैर का फैक्चर बताकर उन्हें महराजगंज रेफर कर दिया। उसके बाद उनके एक सहयोगी दस हजार रुपये लेकर इलाज कराने के लिए 26 अप्रैल को ही उन्हें महराजगंज के एक निजी अस्पताल लाए। अस्पताल के चिकित्सक से कहा कि उनके पास मात्र दस हजार रुपये ही हैं, इतने में इलाज कर दीजिए। यह भी कहा कि वह बेहद गरीब है। जरूरत पड़ी तो गांव के लोग चंदा लगाकर पांच हजार रूपये और दे देंगे। इसके बाद चिकित्सक ने उनसे पूछा कि आयुष्मान कार्ड है कि नहीं? बुद्धू को योजना में सूचीबद्ध होने की जानकारी नहीं थी। इसलिए पूरे परिवार के किसी भी सदस्य का कार्ड नहीं बना था।
जब सर्जन डाॅ.प्रवीण गुप्ता ने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की सूची में बुद्धु का नाम सर्च किया तो उनके समेत परिवार के सभी सदस्यों का नाम योजना में शामिल मिला। चिकित्सक ने बुद्धू का आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू करा दी।हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डाॅ.प्रवीण गुप्ता ने बताया कि कार्ड बन जाने के बाद 27 अप्रैल को सरकारी प्रावधानों के तहत आॅपरेशन हो गया, जबकि 30 अप्रैल को उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। अब वह प्लास्टर कटने के एक माह में अपने पैर पर खड़ा हो जाएंगे तथा धीरे-धीरे चलना भी शुरू कर देंगे। बुद्धू ने कहा कि आयुष्मान कार्ड की वजह से वह न केवल कर्जदार बनने से बच गए बल्कि समुचित इलाज भी हो गया।
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3.63 लाख लोगों का बना आयुष्मान कार्ड
डिप्टी सीएमओ और योजना के नोडल अधिकारी डाॅ.नीरज लाल कन्नौजिया ने बताया कि जिले के कुल 2.35 लाख लाभार्थी परिवारों में से 15 मई 2023 तक कुल करीब 3.63 लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है।उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड योजना के तहत पांच लाख रुपये तक उपचार की सुविधा का प्रत्येक लाभार्थी परिवार के लिए प्रावधान है। जिन लोगों का नाम आयुष्मान भारत योजना की सूची में है। जिन्होंने अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, तो वह आशा कार्यकर्ता और पंचायत सहायक से मिलकर आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवा लें। पंचायत सहायक से मिलकर या कामन सर्विस सेंटर पर जाकर भी कार्ड बनवा सकते हैं।
25731 ने कराया इलाज
डिप्टी सीएमओ ने बताया कि 15 मई 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 25731 लाभार्थियों ने इलाज कराया है। आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने के लिए कुल 28 अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें 12 निजी तथा 16 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। आयुष्मान कार्ड केवल योजना में सूचीबद्ध लोगों का बनता है।, और कार्ड रहने से शीघ्र इलाज मिल जाता है। अति गंभीर स्थिति में वेरिफ़िकेशन में लगने वाले समय की भी बचत होती है।
प्रति दिन 5-5 आयुष्मान कार्ड बनाएं सभी पंचायत सहायक
नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने सभी पंचायत सहायकों को निर्देशित किया है कि सभी पंचायत सहायक प्रति दिन पांच-पांच आयुष्मान कार्ड बनावें। इस कार्य में सहयोग करने के लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है। किसी भी प्रकार तकनीकी दिक्कत होने पर समाधान के लिए आयुष्मान की पूरी टीम लगी हुई है।