उत्तर प्रदेश

शिक्षा के नाम पर धनउगाही कर रहे प्राइवेट स्कूल: रामचन्द्र सिंह।

कुशीनगर। भारतीय किसान यूनियन (अ) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सूबे के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से सम्बोधन ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी राजेश कुमार श्रीवास्तवा को सौपते हुए अवगत कराया है कि, स्कूलों का नया सत्र शुरू हो चुका है। सभी स्कूलों में प्रवेश प्रारम्भ है, स्कूल तथा इससे जुड़ी हुई सभी दुकानें सज गयी है। सभी स्कूल यही सोच रहे है कि किस प्रकार से अभिभावको से अधिक से अधिक पैसा वसूला जाए! आजकल स्कूल शिक्षा देने के नाम पर व्यवसाय बनकर रह गया! आज प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्राइवेट प्रकाशन की महंगी-महंगी पुस्तकें बच्चों पर थोप रहे हैं। प्रवेश के नाम पर अनेकों प्रकार से शुल्क जैसे प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, ट्युशन शुल्क इत्यादि! तो ले ही रहे है साथ ही साथ अभिभावको पर भी दबाव बना रहे है कि पुस्तके उनके द्वारा निर्धारित दुकान से ही लेना होगा और उसके साथ-साथ कापी व अन्य स्टेशनरी के समान भी उनके द्वारा बताए गए दुकान से ही लेना है! “अभिभावक एटीएम मशीन बनकर रह गये है”। यदि अभिभावक बच्चों की स्टेशनरी कही और से ले लेते है तो स्कूल वाले बच्चों को अपने स्कूल से वापस ले जाने को कह देते है! एनसीईआरटी की जो पुस्तकें लगभग ₹1000 से भी कम में सभी विषयों की मिल जा रही है वही प्राइवेट प्रकाशन की सभी किताबों को लेने पर ₹4000 से ₹5000 तक की पड़ रही है। और अन्य स्टेशनरी लेकर ₹7000 से ₹8000 तक की पड़ रही है उपर से कई दुकानदार पिछले साल की किताबों पर नया रेट लिस्ट लगाकर/बढाकर दे रहे हैं और अभिभा‌वको को मूर्ख बनाकर लूट रहे हैं! आज जो अभिभावक आर्थिक रूप से कमजोर है उनको जब अपने बच्चो के प्रवेश की बात आ रही है ।तो अभिभावक परेशान हो जा रहे हैं कि, कहाँ से इतना पैसा लाए और अपने बच्चों का दाखिला कैसे कराये? प्राइवेट स्कूल और उनसे सम्बन्धित दुकान वाले अभिभावको की मजबूरी को नही समझते है और एक रूपया भी डिस्काउण्ट के नाम पर नहीं देते है, जबकि वही दूकानदार, प्राइवेट स्कूल वालो को पहले ही भारी-भरकम कमीशन देते हैं और पुस्तकों पर भी मनमाना रेट छापकर अभिभावको को लूट रहे है। यदि इस काला बाजारी पर रोक नही लगा तो बहुत से गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो सकते हैं और उनका भविष्य अन्धकार में डूब सकता है! अन्त में जिलाध्यक्ष सिंह ने सूबे के मुख्यमन्त्री से आग्रह के साथ माँग किये है। कि, प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिवावकों से मनमानी तरीके से वसूले जा रहे महंगे फीस और महगें किताबों पर अंकुश लगाया जाय ताकि प्रदेश में कोई भी बच्चा शिक्षा से बंचित न हो सके। इस मौके पर जिला सचिव चेतई प्रसाद, हरेन्द्र यादव, अशोक कुमार, जवाहर प्रसाद, सौरभ सिंह, मुन्ना प्रसाद, रामबली, शम्भू , ईश्वर शरण के साथ साथ अन्य कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

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