गर्मी का कहर लगातार दौर बदला,परन्तु मटके और सुराही की ठंडक आज भी बरकर।

महराजगंज ।हम कितने भी आधुनिक युगीन हो जाएं, लेकिन पारंपरिक चीजों का अपना अलग महत्व होता है इसलिए कि इनका उपयोग हमारे स्वास्थ्य लाभ से जुड़ा हुआ है। गर्मी के सीजन में हम फ्रिज में ठंडे किए गए कितने भी शीतल पेय का प्रयोग कर लें, लेकिन मटके के ठंडे पानी जितनी संतुष्टि कोई नहीं दे सकता है। समय के साथ इसके निर्माताओं ने इसके रंग, आकार और डिजायन में सुविधाजनक बदलाव भी किए हैं।देसी फ्रिज यानि मटके में रखा पानी शीतल होने के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होता है। आज लोग ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर रहे हैं। वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं। इसी के चलते लोगों में मटके और सुराही का प्रयोग बढ़ा है।घर के एक कोने में रखा मिट्टी का घड़ा या सुराही स्टेटस सिंबल के तौर पर भी देखा जाने लगा है। ऐसे में मटके बनाने वाले कारीगर इन्हें खूबसूरत और फैशनबल बना रहे हैं।साधारण मटकों के साथ अब अलग स्टाइल और डिजाइन वाले घड़े व सुराही भी बाजार में उपलब्ध हैं। टोंटी वाले और कैंफर जैसे आकार वाले घड़े भी बाजार में हैं। खास बात यह है कि कलरफुल और पेंटिंग वाले मटके भी आप ऑर्डर देकर बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको दो से तीन सौ रुपये खर्च करने होंगे।फायदेमंद है मटके का पानी मिट्टी में क्षारीय गुण मौजूद होते हैं। मिट्टी के घड़े में पानी रखने से वह क्षारीय अम्लता के साथ प्रभावित होकर उचित पीएच प्रदान करता है। यह पानी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे पीने से एसिडिटी और पेट दर्द में राहत मिलती है। मटके का पानी पीने से कब्ज, एसिडिटी और गला खराब होने जैसी समस्याएं नहीं होतीं।महज इन बातों का रखें ध्यान जरूर रखना पड़मटके से पानी निकालने के लिए साफ बर्तन का उपयोग करें। घड़े को पानी भरने के बाद नमी वाले और ऊंचाई वाले स्थान पर रखें। पानी शीतल रहे इसके लिए घड़े के ऊपर जूट या सूती कपड़ा लपेट दें। घड़े को हमेशा ढककर रखें।