किसान गन्ना में रोगों को दूर करने के लिए समय से करे छिड़काव -ओमप्रकाश गुप्ता
नसरुल्लाह अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर। उप्र गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच, गोरखपुर द्वारा कसया तहसील क्षेत्र के गांव सिरसिया खोहिया के टोला बजर करहैया में गन्ना विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें गन्ना किसानों को पेड़ी गन्ने के प्रबंध, रोग नियंत्रण, फसल सर्वेक्षण, सिंचाई, खर पतवार नियंत्रण व शासन की गन्ना विकास योजनाओं की जानकारी दी गयी।
संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस समय पेड़ी गन्ने के उचित प्रबन्धन के लिए गुड़ाई करें जिससे उसमें उगे खर पात सुख जाय। प्रति एकड़ 50 किग्रा डीएपी, 25 किग्रा यूरिया, 30 किग्रा पोटास जड़ों के पास सायं समय प्रयोग करें। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए चार्ट पर बने भिंडी, खीरा, लोबिया के चित्र दिखाकर सह फसली के लिए जागरूक किया। अपील किया कि किसान अपने खेतों का सर्वे कराएं। कोई शिकायत न हों कि सर्वे छूट गया या गलत हो गया। सेवरही गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डा0 विनय कुमार ने गन्ने की फसल की सिंचाई पर जोर दिया और पिहका किट के नियंत्रण के लिये क्लोरिपारिफास या ट्राईकोकार्ड का प्रयोग करें। किसानों के सवाल पर जबाब में बताया कि 15023 स्वीकृत प्रजाति नहीं है। सेवरही शोध संस्थान में इसका परीक्षण हो रहा है। यूपीएल के कृषि विशेषज्ञ सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि गन्ने में खर पतवार नियंत्रण के लिए ट्रीस्केल मात्रा एक किलो दो सौ ग्राम 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फसल प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए अंकुर बेधक ‘पिहिका किट ‘ नियंत्रण के लिए सेन्जी मात्रा 7 किग्रा प्रति एकड़ प्रयोग नमी की दशा में करें। सचिव गन्ना समिति कसया सुरेंद्र चौहान ने बताया कि गन्ना सर्वे के लिए दो टीमें बनी है। सर्वेक्षण चीनी मिल व गन्ना समिति के गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा सर्वे प्रारम्भ हो गया है। ढाढा चीनी मिल के गन्ना प्रबन्धक दया शंकर शर्मा बताया कि 18 मार्च तक भुगतान कर दिया है। इस अवसर पर बिकाऊ यादव, हरिनारायण यादव, लालजी गुप्ता, रामनरेश सिंह, नौशाद आलम, बांके बिहारी, रामप्रकाश सिंह, काशी यादव सहित काफी किसानों ने भाग लिया।